केंद्र सरकार द्वारा बीएसएनएल और एमटीएनएल के कर्मचारियों को पैकेज के रूप में जो 69000 करोड़ रुपए दिए जाने थे वह नहीं दिए जाने से कर्मचारी काफी खफा हैं।

केंद्र सरकार द्वारा बीएसएनएल और एमटीएनएल के कर्मचारियों को पैकेज के रूप में जो 69000 करोड़ रुपए दिए जाने थे वह नहीं दिए जाने से कर्मचारी काफी खफा हैं। अक्टूबर 2019 में केंद्र सरकार ने बीएसएनएल और एमटीएनएल के अधिकारियों कर्मचारियों के लिए रिवाइवल पेटिस की मंजूरी दी थी इस पैकेज के तहत 68751 करोड रुपए कर्मचारियों को दिया जाना था किंतु अभी तक सरकार ने यह राशि बीएसएनएल और एमटीएनएल को नहीं दी जिसके कारण कर्मचारियों के सामने भारी आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। मजबूरन हजारों कर्मचारी आज अनशन पर बैठने को मजबूर हो गए हैं। देशभर के सभी जिला मुख्यालयों में बीएसएनएल के कर्मचारी अनशन पर बैठ गए हैं।" alt="" aria-hidden="true" />



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अधिकारियों का कहना है कि निर्माण से जुड़े 9149 दिहाड़ी मजदूरों का अब तक बोर्ड के तहत पंजीकरण नहीं हो पाया है। इनके पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, ताकि इन्हें भी शीघ्र राहत राशि दी जा सके। अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली लेबर वेलफेयर बोर्ड के तहत पंजीकृत सभी मजदूरों को 5-5 हजार रुपये दिए जाने हैं। बोर्ड में 37127 मजदूर पंजीकृत हैं।
लॉकडाउन के दौरान निर्माण कार्य से जुड़े दिहाड़ी मजदूरों को 5-5 हजार रुपये की सहायता राशि देने की प्रक्रिया दिल्ली सरकार ने शुरू कर दी है।
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दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त प्रवक्ता अनिल मित्तल ने बताया कि लॉक डाउन के दौरान घरों से बिना वजह बाहर निकल रहे लोगों के खिलाफ दिल्ली पुलिस लगातार एक्शन ले रही है। इसी के तहत दिल्ली पुलिस ने डीपी एक्ट-66 के तहत बुुधवार शाम पांच बजे तक 956 वाहनों को जब्त कर थानों में जमा कर लिया। इस दौरान जरूरी सेवाएं देने वाले लोगों के लिए बुधवार को 6141 कर्फ्यू पास जारी किए गए।
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